Basant Panchami – बसंत पंचमी

Vasant Panchami day is dedicated to Goddess Saraswati.

यह त्यौहार माघ महीने की पंचमी पर मनाया जाता है।

बसंत पंचमी विद्या और ज्ञान का त्यौहार कहलाता है ।

बसंत ऋतु का आगमन बसंत पंचमी पर्व से होता है। बसंत ऋतु तथा पंचमी का अर्थ है- शुक्लपक्ष का पाँचवां दिन ।

बसंत पंचमी के दिन बुद्धि, विद्या और ज्ञान की देवी, सरस्वती की पूजा की जाती है। सरस्वती पूजन और व्रत करने से वाणी मधुर एवम् स्मरण शक्ति तीव्र होती है, प्राणियों को सुख एवम् सौभाग्य प्राप्त होता है, विद्या में कुशलता प्राप्त होती है।

वसंत पंचमी पर्व में पीले रंग का बहुत महत्व है। पीला रंग बुद्धि का परिचायक है। इस दिन लोग अपने घरों को पीले फूलों से सजाते और पीले रंग के परिधान पहनते हैं।

शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है।

वसंत को सभी ऋतुओं में सर्वश्रेठ माना जाता है। इस ऋतु में ना तो अधिक ठण्ड पड़ती है ना ही अधिक गर्मी। इस ऋतु में में पंच तत्व अपना प्रकोप छोड़कर सुहावने रूप में प्रकट होते हैं। पेड़ों पर नए कोपलें आने लगती हैं।चारों ओर हरियाली छा जाती है।शीतल मंद हवा सबको मोहित कर देता है। इसीलिए वसंत को ऋतुराज कहा जाता है।