करवा चौथ पति-पत्नी के अमर प्रेम का प्रतीक है। सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति की दिर्घायु के लिए यह व्रत रखती है। इस व्रत में विवाहित स्त्रियों को दिनभर निराहार तथा निर्जला रहना पड़ता है। करवाचौथ का त्यौहार महिलाओं के लिए सजने और संवरने का दिन होता है।
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवाचौथ का व्रत मनाया जाता है।
पति की लंबी उम्र की कामना के साथ करवा चौथ का पर्व सुहागिनों ने श्रद्धा और उल्लास के साथ परंपरागत तरीके से मनाया जाता है।
चन्द्रमा को देखकर अर्ध्य देते है फिर भोजन करते है।

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