Vijay Ekadashi – विजया एकादशी व्रत

The Ekadashi that falls during the waning phase of moon (Krishna Paksha) in February – March is called Vijaya Ekadashi.. It is mentioned in the scriptures that those who perform Vijaya Ekadashi can conquer their fears and their senses. In Ramayana, when Rama found it difficult to cross the mighty ocean with his army and reach Lanka, he began praying to the sea God and fasted for a day on Ekadashi.

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकाद्शी को विजया एकादशी के रूप मे मनाया जाता है। इसके व्रत के प्रभाव से मनुष्‍य को विजय प्राप्त‍ होती है। यह सब व्रतों से उत्तम व्रत है। एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के शुभ फलों में
वृद्धि होती है तथा अशुभता का नाश होता है। इस एकादशी के महात्म्य के श्रवण व पठन से समस्त पाप नाश को प्राप्त हो जाते हैं।  भी व्यक्ति श्रद्धा भाव से विधि पूर्वक इस एकादशी का व्रत रखता है वह जीवन में आने
वाली विपरीत परिस्थितियों पर विजय प्राप्त करने में सफल होता है।

एकादशी व्रत के दिन भगवान नारायण की पूजा की जाती है. व्रत पूजन में धूप, दीप, नैवेध, नारियल का प्रयोग किया जाता है. एकदशी के दिन कलशमें पंचपल्लव (पांच तरह के पेड़ के पत्ते) रखकर भगवान श्रीविष्णु की मूर्ति स्थापित करें। ……..आगे पढ़े

Vijaya Ekadashi