श्री दुर्गा का पंचम रूप श्री स्कंदमाता हैं। श्री स्कंद (कुमार कार्तिकेय) की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है। पुराणों में इन्हें कुमार और शक्ति कहकर इनकी महिमा का वर्णन किया गया है।
यह देवी दुर्गा का ममतामयी रूप है। स्कंदमाता भक्तों को सुख-शांति प्रदान करने वाली देवी है।
स्कंदमाता अपने भक्त को मोक्ष प्रदान करती है। चाहे जितना भी बड़ा पापी क्यों ना हो अगर वह मां के शरण में पहुंचता है तो मां अपने भक्त के सारे दोष और पाप को दूर कर देती है।
देवी स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जप किया जाता है –
“सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्वी।।”
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