Navratri, the Festival of Nine Nights, is celebrated in honor of goddesses Durga, Lakshmi, and Saraswati. The festival is celebrated for nine nights every year in the Hindu month of Ashvin (September-October) although as the dates of the festival are according to the Hindu calendar (which is based on the Moon), the festival may be held for a day more or a day less depending on the calendar. It coincides with the end of the rainy season. This season is considered to be an auspicious one as it is generally associated with the sowing of seeds, and watching new seeds sprout – a sign of prosperity and abundance. Most people consider it the best time of the year to undertake or start new ventures…. learn more
Prayers for Navratra’s
- Shri Durga Chalisa
- Shri Vindhyeshwari Chalisa
- Shri Durga Aarti
- Shri Ambe Arti
- Shri Vaishno mata Aarti
- Shri Vindhyeshwari Aarti
- Devi Mantra
- Tantroktam Devi Suktam
- Durga Dvatrinsh Naammala (32 Names of Durga Ma)
- Devi Mata Bhajans
पूजन के प्रारम्भ में हाथ में अक्षत, जल एवं पुष्प लेकर समस्त देवताओं का स्मरण करते हुए निम्नलिखित मंत्रों का उच्चारण करें :-
ॐ सर्वेभ्यो देवेभ्यो नमः
श्रीमन्महागणाधिपतये नमः
लक्ष्मीनारायणाभ्यां नमः
उमा महेश्वराभ्यां नमः
वाणीहिरण्यगर्भाभ्यां नमः
शचीपुरन्दराभ्यां नमः
मातृ-पितृचरणकमलेभ्यो नमः
ॐ इष्टदेवताभ्यो नमः
ल देवताभ्यो नमः
ग्रामदेवताभ्यो नमः,
वास्तुदेवताभ्यो नमः
स्थान देवताभ्यो नमः
सर्वेभ्यो देवेभ्यो नमः
सर्वेभ्यो ब्राह्मणेभ्यो नमः
ॐ सिद्धिबुद्धिसहिताय श्रीमन्महागणाधिपतये नमः
Navratri kanya pujan | कन्या पूजन
कन्या पूजन अष्टमी और नवमी दोनों ही दिन किया जा सकता है । नवरात्रों में कन्याओ को नौ देवी स्वरुप मानकर इनका स्वागत किया जाता है
Kul Mata pujan | कुल माता का पूजन
दुर्गा सप्तशती के अनुसार माता ने ऐसा आशीर्वाद दिया था कि जो भी अष्टमी और नवमी पर मेरी महापूजा करेगा। उसके कुल में हमेशा धनधान्य रहेगा और मैं उसके कुल की स्वयं रक्षा करूंगी। नवरात्र के नौ दिनों में अष्टमी और नवमी को कुल माता का पूजन किया जाता है। कहा जाता है कि कुल देवी पूरे कुल की रक्षा करती है।