कार्तिक मास (Month of Kartik)

हिन्दु पंचांग (कैलेण्डर) के अनुसार पूरे वर्ष में बारह चन्द्र मास हैं। हर मास की अपनी-अपनी विशेषता है। प्रत्येक मास में अलग अलग देवों की आराधना भी निर्धारित है। इन बारह मासों में कार्तिक मास आठवें स्थान पर आता है। शास्त्रों में कार्तिक मास को बड़ा ही पवित्र मास माना जाता है। इस मास की विशेषता का वर्णन स्कन्द पुराण, नारद पुराण, पद्म पुराण में भी दिया गया है। स्कन्द पुराण में लिखा है कि सभी मासों में कार्तिक मास, देवताओं में विष्णु भगवान, तीर्थों में बद्रीनारायण तीर्थ शुभ है। पदम पुराण के अनुसार कार्तिक मास धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष देने वाला है।

कार्तिक पूर्णिमा शरद ऋतु की अन्तिम तिथि है। कार्तिक पूर्णिमा ब़डी पवित्र तिथि मानी जाती है। इस तिथि को ब्राहा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य आदि का दिन माना गया है। इस दिन किए हुए स्त्रान, दान, हवन, यज्ञ व उपासना आदि का अनन्त फल प्राप्त होता है। ……….आगे पढ़े।