Saraswati – The Hindu goddess of knowledge, music, arts and science. She is also called Vak Devi, the goddess of speech and Mother of Vedas. She is a part of the trinity of Saraswati, Lakshmi and Parvati.
बसंत पंचमी पर महासरस्वती देवी का जन्मदिन मनाया जाता है । मां सरस्वती की कृपा से ही विद्या, बुद्धि, वाणी और ज्ञान की प्राप्ति होती है। देवी कृपा से ही कवि कालिदास ने यश और ख्याति अर्जित की थी। महाकवि कालिदास के कथन ‘स्तोत्रं कस्य न तुष्टये’ के अनुसार कोई भी ऐसा प्राणी नहीं है जो स्तुति से प्रसन्न न हो जाता हो।
Mantra
ॐ सरस्वत्यै नम:।
ऊँ वीणापुस्तकधारिण्यै श्रीसरस्वत्यै नम:
ॐ सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने।
विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोस्तुते॥
ज्ञानविज्ञानरूपायै ज्ञानमूर्ते नमो नमः ।
नानाशास्त्रस्वरूपायै नानारूपे नमो नमः ॥
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो: नम:।।
O Devi Saraswati, the most Auspicious Goddess of Knowledge with Lotus-like Eyes, An Embodiment of Knowledge with Large Eyes, Kindly Bless me with Knowledge. I Many Salutes to you.
Saraswati – Prathna – श्रीसरस्वती स्तुति
या कुन्देन्दु- तुषारहार- धवला या शुभ्र- वस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमन्डितकरा या श्वेतपद्मासना ॥
या ब्रह्माच्युत- शंकर- प्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥॥१॥॥
Ya kundendu tusharahara dhavala, Ya shubravastravrita Ya veena varadanda mandita kara, Ya shvetapadmasana Ya-Brahma-chyuta-shankar-prabhritibhir, Devayeh-sada-vandita, Sa-mam-patu-saraswati-bhagwati,Nihshesha-jadyapaha
One who is fair as a garland of flowers and show, wears white apparel. One who is playing Veena (Harp) sitting on a white Lotus.
Who is always worshipped by gods such as Brahma, Vishnu and Mahesh, The Goddess Sarasvati, who completely removes laziness may bless me.
सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा ||
Saraswati namastubhyam, Varde kaamaroopini,
Vidyaarambham karishyami, Siddhirbhavatu me sada.
स्मरण शक्ति वृद्धि के लिए मंत्र :
ॐ ऐं स्मृत्यै नमः।
ऐं नमः भगवति वद वद वाग्देवि स्वाहा।
सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी |
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा ||
Saraswati namastubhyam, Varde kaamaroopini,
Vidyaarambham karishyami, Siddhirbhavatu me sada.